पहली डेट
देव ने कहा हाँ! निशांत ने भी अस्पताल में देखा था और बोल रहा था कि तेरी ऑंखे चमक रही है, मैने उस वक्त ध्यान नहीं दिया था क्योंकी वहाँ का माहोल अजीब था उस समय..
वो दोनों बैठ कर इस पर विचार कर रहे होते हैं, कुछ देर बाद अहाना अचानक खुद को बहुत सहज महसूस करने लगती है, उसे लगता है कि कोई चीज उसके भीतर गई है जिसकी वजह से उसका अशांत मन अब शांत है।
अहाना देव के हाथ को अपने हाथ में लेकर कहती है
देव! तुम सबको बोलो कि अब हम साथ हैं। मुझे अब किसी से डर नही लगता। नताशा ने इसलिए तुम्हें प्रपोज किया क्योंकि मैने कभी कोशिश नहीं की और यही वजह है जिसके कारण उसे बढावा मिला है और ऐसा ही उसके साथ हुआ था जिसने मुझे प्रोपोज़ क्या था, और मेरी इंसल्ट तक कर डाली,
देव ने खुश होते हुवे कहा चलो ठीक है, सबको मैं खुद बता दूंगा। सब के सब सुनो! मैं अहाना से प्यार करता हूँ और वो मुझसे करती है।
देव खुद चाहता था के ये बात सबको पता चल जाये.. लेकिन वो अहाना की वजह से बोल नहीं पाया था क्योंकी अहाना ऐसा नहीं चाहती थीं की किसी को पता चले..
वो दोनों नीचे आते हैं और सबके साथ बैठ जाते हैं,
दोनों मंद - मंद मुस्कराने लगते हैं और साथ ही ऐसा बर्ताव भी करते है जिससे दूसरों को लगे कि जैसे वें दोनों शरमा रहें हो।
"ओहो नजर ना लगे! तुम दोनों साथ में बहुत अच्छे दिखते हो" कहते हुए सब जोर से ताली और सिटी बजाने लगते हैं।
देव :- आज रात मेरे साथ अलग रूम में रुकोगी। समझ लो आज हमारी पहली डेट है।
अहाना :- हम्म! ( शर्माते हुए )
रीना :- सही है बेटा! एंजॉय योर सेल्फ।
देव अलग से एक दूसरा रूम बुक करवाता है और मैनेजर से उसे बिल्कुल वैसे सजाने के लिए कहता है जैसे फिल्मों में लड़का - लड़की की पहली डेट का दृश्य फिल्माया जाता है।
तभी अहाना ने देव से कहा मैं आती हूँ थोड़ी देर में।
देव से थोड़ी देर में आने का कहकर अहाना गुल के साथ लड़कियों वाले कमरे में आ जाती है । कमरे में आने के बाद अहाना गुल से कहती है
कोई अच्छी सी ड्रेस दे ना।
ओहो! अच्छी ड्रेस, रुक! एक स्किन टाइट ड्रेस है मेरे पास जिसे पहनकर हमारी अहाना जलपरी लगेगी। गुल ने अहाना को छेड़ते हुए
गुल वह ड्रेस अहाना को देती है जिसे पहनकर अहाना, गुल से कहती है
गुल यार! मैं तो इस ड्रेस में बहुत अच्छी दिख रही हूँ।
" बेस्ट ऑफ लक! अगर कुछ और चाहिए होगा तो बोल देना।" गुल और रीना कहते हैं।
अहाना जब देव के पास जाती है वह उसे एकटक देखते ही जा रहा था।
" तुम तो तो सच में परी दिख रही हो अहाना ।" देव ने अहाना को देखते हुए कहा।
देव, अहाना की एक अच्छी सी तस्वीर लेकर नताशा को भेजता है और साथ में एक मैसेज भी लिखता है
"साॅरी! मेरे दिल में तुम नही बल्कि ये है। मैंने तुझे कभी इस नजर से नहीं देखा यार। प्लीज! मेरी बात समझने की कोशिश करना।"
नताशा देव का मैसेज देखती वह नाराज तो होती है लेकिन फिर भी उसे "गुड लक" लिखकर भेजती है।
अहाना ने ये देखा तब उससे पूछा उसे बुरा लगा होगा ना। देव के पास आकर अहाना कहती है
देव ने कहा लगने दो जो लगता है तुम तो किसी और के बारे में नही सोचते हुए अभी सिर्फ मेरे बारे में सोचो। अच्छा सुनो ! मेरे साथ डांस करेगी? देव, अहाना का ध्यान नताशा की तरफ से हटाने के लिए कहता है
आता नहीं है पर तुम्हारे लिए कोशिश कर लूँगी नज़रें नीची कर शर्माते हुए कहती है,
एक रोमांटिक माहौल में "सिटी ऑफ स्टार आर यू वोटिंग फॉर मी" रोमांटिक अंग्रेजी गाने पर देव और अहाना एक-दूसरे की ऑंखों में देखते हुए कपल डांस कर रहे होते हैं । दोनों सब कुछ भूलाकर एक - दूसरे में खोए हुए है। गाने के खत्म होने के बाद दोनों "नोट बुक" मूवी एंजॉय करते है। शायद ही कोई ऐसा प्रेमी युगल होगा जिसने इस मूवी को ना देखा हो। बेशक पुरानी जरूर है लेकिन दिल की धड़कन बढ़ा देने के लिए काफी है, कहीं ना कहीं पर यह मूवी उन्हें एक- दूसरे के और करीब बांधने में सहायक बन रही थी,
तभी देव ने कहा, इतने दिनों तक क्यूँ छुपाया? बोल सकती थी ना पहले भी। देव ने मूवी के बीच में ही अहाना से पूछा
अहाना ने कहा बेशक! बता देती अगर पढ़ाई -लिखाई छोड़कर लैला- मंजनू बनकर घूमते रहते का इरादा होता और वैसे भी सच कहूं तो मेरे घर का माहौल मुझे इस चीज की इजाजत नहीं देता। देव मुझे हर चीज के लिए काफी स्ट्रगल करना पड़ता है । तुम लोगों जैसी जिंदगी नहीं है मेरी। हाँ! यह बात दूसरी है कि तुझे बता दिया है। निभा पाऊँगी भी या नहीं कुछ पता नहीं। उसकी आँखों से ऑंसू गिरने लगते है
देव ध्यान से उसकी तरफ देखते हुए उसकी बाते सुनता रहता था । वह अहाना के बारे में सबकुछ जानना चाहता था इसलिए उसने अहाना को रोते हुए देखकर भी रोका नही बल्कि उसे और बोलने दे रहा था।
अहाना ने आगे कहा, ऐसा भी हो सकता है कि तुम मुझसे मुझसे बात करना चाहोगे , लेकिन कई बार मुझे तुम्हें इग्नोर करना पड़ेगा क्योंकि मुझे काम भी तो इतने है जिसे मैं छोड़ नही सकती। घर भी तो बहुत छोटा है मेरा, सिर्फ एक कमरा है इसलिए रात को भी हमारी बात नहीं हो पाएगी।
देव ने अहाना के हाथ को अपने हाथों में लेकर कहा, तुम्हे सच में ऐसा लगता है कि मैं आजकल के लड़कों जैसा हूँ। मेरी अहाना के बारे सब जानता हूॅं मैं, पता है मुझे। यह जानकर कि तुम गरीब है, तुम्हारा घर छोटा है, मैं तुमसे रिश्ता तोड़ दूँगा, ऐसा कभी मत सोचना। विधान से पूछना कभी कि तुम क्या हो? उसके जैसे और भी लड़के हैं जो तुम्हारे दीवाने हैं लेकिन तुम मुझे मिली हो अहाना, मुझे प्यार करती हो , सोचो ! कितनी अनमोल है तुम मेरे लिए, अब रोना नहीं है। कोई बात नही! अभी नही तो थोड़े समय बाद बारात लेकर आऊंगा लेकिन आऊंगा मैं ही। देव प्यार भरी नजरों से अहाना को देखते हुए कहता है
अहाना जो कुछ देर पहले तक तो यही थी, देव की बातें सुनते ही अचानक से हॅंसने लगती है
अहाना ने हसते हुवे कहा तुम्हारे मजाक भी ना। और अहाना और हसने लगती हैं,
यह मजाक नही बल्कि सच है। प्यार तुझसे करता हूॅं तो शादी भी तुझसे ही करूंगा। देव दृढ़संकल्प के साथ कहता है
अहाना ने कहा वक्त गुजरने देते हैं क्योंकि जो हम बात कर रहे हैं वें सब बाद की बात है।
दोनों बातें करते करते एक दूसरे के कंधे पर सिर रखकर सो जाते हैं। करीबन सुबह 5 बजे के आसपास अहाना की नींद खुलती है। वो देव को उठाकर बोलती है " चलो देव ! अब जा रही हूॅं, रेड्डी होकर मुंबई भी निकलना है।"
देव अहाना को रोकते हुवे कहता है, मत जाओं ना यार, प्लीज! जाना होगा तब चले जाना। मेरा भी तो सब सामान लड़कों वाले कमरे में है। अहाना का माथा को चूमते हुए देव कहता है
अहाना देव को वहां से उसे जाने देने के लिए मनाने लगती है। अहाना की बात सुनकर देव कहता है
ठीक है! जा मिलते हैं आठ बजे नाश्ते की मेज पर नीचे, आ जाना समय से, बाय। देव बाय का इशारा करता है
कमरे से बाहर निकलकर लड़कियों के रूम का दरवाजा अहाना गेट खटखटाती है। दरवाजे के बाहर अहाना को खड़ी देख कर रीना कहती है
रीना ने तुरंत कहा आ गई तू? और सुना, तेरी पहली डेट कैसी रही?
"कुछ नहीं रे! थोड़ी देर सो लेती हूॅं।" अहाना कहती है।
अहाना सोने के लिए बिस्तर पर जा ही रही होती है कि गलती से अहाना और रीना का हाथ टकरा जाता है और फिर उन दोनों के हाथ पर बने टैटू एक साथ चमकते हैं। दोनों आश्चर्य से एक- दूसरे को देखती है
"यार! ये है क्या है ? " रीना ने अहाना से पूछा।
अहाना ने कहा, कल रात को भी जब देव ने मेरा हाथ पकडा था ऐसा ही हुआ था। रुक! मैं आई ।
सबसे पहले अहाना अपने हाथ को गुल के हाथ से सटाती है उसके बाद रीना भी लेकिन कुछ नहीं होता है।
"अब तू और मैं टच करते हैं।" रीना कहती हैं।
अहाना और रीना जैसे ही एक - दूसरे से अपने टैटू वाले हाथों को सटाते है फिर से टैटू चमकने लगता हैं।
"कुछ समझ नहीं आ रहा है यार, ये आखिर हो क्या रहा है?" अहाना परेशान होते हुए कहती है।
दोनों की ऑंखों से नींद रफ्फूचक्कर हो गई थी। सोना छोड़कर दोनों ही लैपटॉप में सर्च करने बैठ जाती हैं कि "टैटू क्यूँ चमकते हैं?"
कहीं पर लिखा आता है केमिकल के कारण, कहीं लिखा आता है थ्री डी इफेक्ट। इन दोनों को कुछ समझ में नहीं आ रहा होता है तभी दोनों की नजर एक ऐसे ब्लॉग पर पड़ती है जिसमें कुछ लोगों ने लिखा होता है ऐसा "दिव्य शक्तियों के समावेश" के कारण होता है। ऐसा भी लिखा होता है कि " ये किसी देव के चिन्ह होते है, कहने का तात्पर्य यह है कि ईश्वर की उन पर कृपा हुई है और उन्होंने उसे अपने महत्वपूर्ण कार्य करने के लिए चुना है।
वानी
10-Jul-2023 11:30 PM
Nice
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Gunjan Kamal
24-Jun-2023 12:13 AM
👏👌
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Shnaya
23-Jun-2023 11:29 PM
V nice
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